Shree Vaishnav Agarsain Gaushala
श्री वैष्णव अग्रसैन गौशाला, अग्रोहा (हिसार) हरियाणा प्रान्त की प्राचीनतम गौशाला है यह गौशाला महाराजा अग्रसैन की प्राचीन राजधानी अग्रोहा धाम में (अग्रोहा-हिसार) में स्थित है । जो हिसार से मात्र 20 कि.मी. दूरी पर है जिसकी स्थापना लगभग 100 वर्ष पहले हुई थी । गौशाला का रजिस्ट्रेशन 11.01.1965 में सोसाइटी एक्ट 1860 में हुआ था जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर 54 है । गौशाला सोसाइटी एक्ट 2012 में भी रजिस्ट्रेड है जिसका नंबर 672 है । गौशाला का भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड का रजिस्ट्रेशन नंबर HR057/1999 है । गौशाला हरियाणा गौसेवा आयोग पंचकूला से भी पंजीकृत है जिसका पंजीकरण नंबर HGSA/2014/135 है ।
गौशाला में गौमाता की सेवा अनेक गौभक्त करते आए हैं । श्री देबीसहाय जिन्दल, श्री शिवराम जिन्दल, श्री ओमप्रकाश जिन्दल, एवं श्री धर्मदेव बिन्दल के सहयोग के उपरान्त श्रीमती सावित्री देवी जिंदल, श्री महावीर प्रसाद जिंदल तथा श्री नन्द किशोर गोयन्का के मार्गदर्शन में इस समय श्री राजेन्द्र केडिया, श्री कृष्ण कुमार गोरखपुरिया, श्री सतीश गोयल व अन्य सहयोगियों की देखरेख में गौशाला का कार्य चल रहा है । इस अवधि में गौशाला में 525 गायों से बढ़कर 2315 गायें हो गई है जिनके लिए 25 आश्रमगृह (शैड) निर्मित है । भविष्य में गौशाला का 5000 गायों की सेवा करने का लक्ष्य है । गौशाला में 90 कर्मचारी है जो सेवा भाव से कार्य में लगे रहते हैं तथा गायों की सेवा के लिए 2 डॉक्टर हैं ।
गौशाला में लगभग 175 एकड़ भूमि है जिनमें 20 एकड़ भूमि में शैड, केचुआ प्लांट आदि बनाए गए है अन्य भूमि पर गायों के लिए हरा चारा उगाया जाता है ।
गौशाला का लगभग खर्चा गौभक्तों से आये हुए अनुदान से ही चलता है । गौशाला के कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए गौसेवक योजना बनायी गयी है जिसमे कोई भी गौभक्त 5100 सालाना अनुदान देकर इस योजना की सदस्यता ग्रहण करके इस पुण्य के कार्य में अपना योगदान दे सकता है |
गौशाला में प्रतिदिन गुड़ तथा दलिये से निर्मित सवामणि का आयोजन किया जाता है । स्वयं के व बच्चों के जन्मदिवस पर, विवाह की वर्षगांठ पर, पूर्वजों की पुण्य-तिथि पर व अन्य मांगलिक व शुभकार्यों पर कोई भी गौभक्त मात्र 1100 रूपए भेजकर गौमाता का मुंह मीठा करवाने का पुण्य प्राप्त कर सकता है तथा 7 स्वामणि के भण्डारें का आयोजन प्रत्येक एकादशी, चतुर्थी, अमावस्या, पूर्णिमा व किसी भी शुभ दिन पर करके गौमाता की सेवा करने का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। 7 स्वामणि का खर्च 7700/- रूपये है ।